दिसम्बर माह में सब्जियों की खेती के प्रमुख कार्य

मनीष कुमार सिंह * रोहित कुमार सिंह ** सुधीर कुमार मिश्र * राहुल राय,(सह-प्राध्यापक * सह-प्राध्यापक* शोध छात्र*), बाँदा यूनिवर्सिटी  ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी बाँदा ,नेशनल पोस्टग्रेजुएट कॉलेज बरहलगंज गोरखपुर, इंस्टिट्यूट ऑफ़ एग्रीकल्चर साइंस बनारस हिन्दू बिश्वविद्यालय

दिसम्बर माह में सब्जियों की खेती के प्रमुख कार्य

  • सब्जियों में आवश्यकतानुसार सिंचाई एवं निराई-गुड़ाई करें।
  • पौधे को पाले से बचाव के लिये छप्पर या धुएं का प्रबन्ध करें।
  • देर से बोये आलू में सिंचाई कर दें और बोआई के 25 दिन बाद 88-110 किग्रा यूरिया की टाप ड्रेसिंग करके मिट्टी चढ़ा दें।
  • आलू में आवश्यकतानुसार 10-15 दिन के अन्तर पर सिंचाई करते रहें तथा झुलसा एवं माहू के नियन्त्रण हेतु मैन्कोजेब 2 ग्राम तथा फेनीट्रोथियान 50 ई.सी. 1.0 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर 10-12 दिन के अन्तराल पर 2-3 छिड़काव करें।
  • सब्जी मटर में बोआई के 25-30 दिन बाद सम्पूर्ण आवश्यक नाइट्रोजन की आधी मात्रा अर्थात 30 किग्रा नाइट्रोजन (65 किग्रा यूरिया) टाप ड्रेसिंग के रूप में देनी चाहिए।
  • सब्जी मटर में फूल आने के पूर्व एक हल्की सिंचाई कर दें। आवश्यकतानुसार दूसरी सिंचाई फलियां बनते समय करनी चाहिए।
  • पिछेती फूलगोभी में 40 किग्रा नाइट्रोजन (88 किग्रा यूरिया), गांठगोभी में 34 किग्रा नाइट्रोजन (75 किग्रा यूरिया) की प्रथम टाप ड्रेसिंग रोपाई के 45-50 दिन बाद करनी चाहिए।
  • टमाटर की उन्नत किस्मों में 40 किग्रा नाइट्रोजन (88 किग्रा यूरिया) व संकर/असीमित बढ़वार वाली किस्मों के लिए 55-60 किग्रा नाइट्रोजन (120-130 किग्रा यूरिया) की प्रथम टाप ड्रेसिंग रोपाई के 20-25 दिन बाद तथा इतनी ही मात्रा की दूसरी टाप ड्रेसिंग रोपाई के 45-50 दिन बाद करनी चाहिए।
  • टमाटर की ग्रीष्म ऋतु की फसल के लिये पौधशाला में बीज की बोआई कर दें।
  • एक हेक्टेयर खेत की रोपाई के लिये टमाटर की उन्नत किस्मों की 350-400 ग्राम और संकर किस्मों की 200-250 ग्राम बीज की आवश्यकता पड़ती है।
  • बसन्त-ग्रीष्म ऋतु की टमाटर की फसल के लिये तैयार पौध की रोपाई करें।
  • सीमित बढ़वार वाली किस्मों की रोपाई 60 ग 60 सेमीं तथा असीमित बढ़वार वाली किस्मों की रोपाई 75-90 सेंमी ग 60 सेमीं पर करें।
  • लहसुन की फसल में आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई तथा सिंचाई करें एवं 74 किग्रा यूरिया की प्रथम टाप ड्रेसिंग बोआई के 40 दिन बाद व इतनी ही मात्रा की दूसरी टाप ड्रेसिंग बोआई के 60 दिन बाद कर दें।
  • फ्रेन्चबीन में पहली सिंचाई फूल आने के ठीक पहले तथा दूसरी सिंचाई फली बनते समय करनी चाहिए।
  • फ्रेन्चबीन में बोआई के लगभग 30 दिन बाद 60 किग्रा नाइट्रोजन (130 किग्रा यूरिया) की टाप ड्रेसिंग करें।
  • प्याज में खेत की तैयारी के समय रोपाई से तीन-चार हफ्ते पहले प्रति हेक्टेयर 250-300 कुन्तल गोबर की सड़ी खाद या 70-80 कुन्तल नादेप कम्पोस्ट मिला दें। फिर रोपाई के पहले 34 किग्रा नाइट्रोजन (75 किग्रा यूरिया), 50 किग्रा फास्फोरस (312 किग्रा सिंगल सुपर फास्फेट) एवं 60 किग्रा पोटाश का प्रयोग करें।
  • प्याज की रोपाई के लिये 7-8 सप्ताह पुरानी पौध का प्रयोग करें।
  • प्याज में खरपतावार नियन्त्रण के लिये रोपाई के दो-तीन बाद पेन्डीमेथेलीन की 3.3 लीटर मात्रा 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
  • शिमला मिर्च की रोपाई पौध के 30 दिन के होने पर 50-60 सेमी  ग 40 सेमी की दूरी पर करनी चाहिए।
  • शिमला मिर्च की रोपाई से पूर्व प्रति हेक्टेयर 300-400 कुन्तल गोबर की खाद या 70-80 कुन्तल नादेप कम्पोस्ट तथा रोपाई के समय 50 किग्रा नाइट्रोजन (110 किग्रा यूरिया), 60 किग्रा फास्फोरस (375 किग्रा सिंगल सुपर फास्फेट) व 60 किग्रा पोटाश (100 किग्रा म्यूरेट आफ पोटाश) प्रयोग करें।
  • पालक व मेथी में पत्तियों की प्रत्येक कटाई के बाद प्रति हेक्टेयर 20 किग्रा नाइट्रोजन (44 किग्रा यूरिया) की टाप ड्रेसिंग एवं सिंचाई करें।
  • धनिया के पौधे 3-4 सेमी के हो जाने पर प्रति हेक्टेयर 15 किग्रा नाइट्रोजन (33 किग्रा यूरिया) की टाप ड्रेसिंग कर दें। 15 किग्रा नाइट्रोजन (33 किग्रा यूरिया) की दूसरी टाप ड्रेसिंग के 20-25 दिन बाद करें। आवश्यकतानुसार एक सप्ताह के अन्तर से सिंचाई करते रहें।
  • टमाटर एवं मिर्च में झुलसा रोग से बचाव के लिये मैन्कोजेब 0.2 प्रतिशत (2 ग्राम दवा प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें।

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